भारत के लिए वरदान बन सकता है यूक्रेन युद्ध, इस सेक्टर में आ सकती है नौकरियों की बाढ़

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण यूरोपीय देशों में 155 एमएम आर्टिलरी शेल की मांग कई गुना बढ़ गई है। इससे भारत की निजी कंपनियों के लिए एक बड़ा मौका हाथ लगा है। इस मांग को पूरा करने के लिए इन कंपनियों ने अपना उत्पादन तेज कर दिया है। माना जा रहा है यह सेक्टर देश की जीडीपी और रोजगार सृजन में अहम योगदान दे सकता है। फाइनेंशियल ईयर 2027 तक देश में 155 मिमी शेल बनाने की सालाना क्षमता तीन लाख तक पहुंच सकती है। इसमें सरकारी कंपनियों का उत्पादन शामिल नहीं है। यूरोप से आई मांग ने न केवल देश में 155 एमएम आर्टिलरी शेल की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है बल्कि देश में इससे जुड़ा सप्लाई सप्लाई चेन ईकोसिस्टम भी मजबूत हुआ है।

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